Prithviraj Chavan on Epstein Files: पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि एपस्टीन फाइल्स में भारत के कुछ वर्तमान और पूर्व सांसदों के नाम शामिल हैं। उनका कहना है कि इससे देश की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है।”
पुणे: 19 दिसंबर को खुलेंगी अमेरिका की एपस्टीन फाइल्स, भारत की राजनीति पर भी पड़ सकता है असर—पृथ्वीराज चव्हाण का दावा
अमेरिका में एपस्टीन फाइल्स को लेकर बड़ा खुलासा होने जा रहा है। ये फाइल्स 19 दिसंबर को अमेरिकी संसद में सार्वजनिक की जाएंगी। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि इनमें सामने आने वाली जानकारी न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया की राजनीति को हिला देने वाली हो सकती है और इसका असर भारत की राजनीति पर भी पड़ेगा।
पृथ्वीराज चव्हाण का कहना है कि जेफ्री एपस्टीन नामक व्यक्ति ने दुनिया के कई प्रभावशाली लोगों को नाबालिग लड़कियां मुहैया कराईं, जिनमें भारत से जुड़े कुछ नाम भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद देश के प्रधानमंत्री बदलने तक की स्थिति बन सकती है।
प्रधानमंत्री बदलने का दावा दोहराया
चव्हाण ने दोहराया कि यदि राजनीतिक उलटफेर हुआ तो प्रधानमंत्री बदले जा सकते हैं और यह व्यक्ति नागपुर से जुड़ा हुआ हो सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति को पूरी तरह असफल बताया और कहा कि एपस्टीन फाइल्स में भारत के कुछ वर्तमान और पूर्व सांसदों के नामों की भी चर्चा है।
एपस्टीन की मौत पर भी सवाल
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि जेफ्री एपस्टीन की मौत को आत्महत्या बताया गया, लेकिन कई लोग मानते हैं कि उसकी हत्या की गई हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि इससे जुड़ी जानकारी अमेरिकी संसद की वेबसाइट पर उपलब्ध दस्तावेजों में देखी जा सकती है।
एपस्टीन कांड क्या है?
एपस्टीन मामले पर जानकारी देते हुए चव्हाण ने कहा कि 1995 से ही जेफ्री एपस्टीन नाबालिग लड़कियों के जरिए बड़े नेताओं और प्रभावशाली लोगों को हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश करता रहा। बाद में शिकायतों के आधार पर उसे जेल की सजा भी हुई थी।
उन्होंने बताया कि 2019 में न्यूयॉर्क की हाई-सिक्योरिटी जेल में उसकी मौत हुई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए आत्महत्या की कहानी पर कई सवाल खड़े हुए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद कुछ लोगों ने गला दबाकर हत्या किए जाने की आशंका भी जताई थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े नामों की चर्चा
पृथ्वीराज चव्हाण के अनुसार, इस मामले में अब तक डोनाल्ड ट्रम्प, बिल क्लिंटन, बिल गेट्स और ब्रिटेन के प्रिंस एंड्रयू जैसे नामों की चर्चा सामने आ चुकी है। कुछ मामलों में समझौते भी हुए हैं, जबकि कुछ लोगों ने आरोप स्वीकार किए हैं।
अमेरिकी राजनीति में भी उथल-पुथल की आशंका
अगले वर्ष अमेरिका में चुनाव होने हैं। यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती तो इसका राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है—इसी डर से अमेरिकी सांसदों ने दबाव बनाया। इसके बाद 19 नवंबर को अमेरिकी संसद में एक कानून पारित किया गया, जिसके तहत एक महीने के भीतर एपस्टीन फाइल्स सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया।
इसी कारण 19 दिसंबर को बड़े राजनीतिक खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
भारत में भी असर की आशंका
चव्हाण ने कहा कि सोशल मीडिया पर चर्चा है कि एपस्टीन फाइल्स से जुड़े कुछ दस्तावेज अमेरिकी सांसदों के पास हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि भारत के कुछ राजनेताओं को भी हनी ट्रैप में फंसाने की कोशिश हुई थी, जिनमें कुछ पूर्व और वर्तमान सांसद शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिक उलटफेर होता है तो प्रधानमंत्री बदल सकता है, लेकिन वह न तो कांग्रेस से होगा और न ही बारामती से—बल्कि भाजपा और नागपुर से जुड़ा व्यक्ति हो सकता है।
भाजपा सांसदों को जारी व्हिप पर सवाल
19 दिसंबर को भाजपा सांसदों को जारी किए गए व्हिप पर पूछे गए सवाल के जवाब में पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि उस दिन कुछ विधेयक पारित होने हैं, जिनमें परमाणु ऊर्जा के निजीकरण से जुड़ा विधेयक भी शामिल है। इसका एपस्टीन मामले से कोई सीधा संबंध है या नहीं, यह कहना मुश्किल है।
उन्होंने अंत में कहा कि जो भी जानकारी वे साझा कर रहे हैं, वह अमेरिकी संसद की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध तथ्यों और वहां चल रही चर्चाओं पर आधारित है।