EY–CII की एक नई रिपोर्ट बताती है कि भारत में एंटरप्राइज़ AI का अपनाना तेजी से बढ़ रहा है। देश की 47% से अधिक कंपनियों ने अपने जेनरेटिव AI पायलट प्रोजेक्ट्स को अब वास्तविक, काम करने वाले उपयोग मामलों में बदल दिया है, जबकि 23% कंपनियाँ अभी भी इन तकनीकों पर प्रयोग कर रही हैं।
यह रिपोर्ट — “Is India ready for Agentic AI? The AIdea of India: Outlook 2026” — देश की 200 संस्थाओं के वरिष्ठ नेताओं और C-suite अधिकारियों की राय पर आधारित है। इसमें सरकारी संस्थान, सार्वजनिक उपक्रम (PSUs), स्टार्टअप, भारतीय कंपनियाँ, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भारतीय इकाइयाँ शामिल थीं।
रिपोर्ट बताती है कि उत्साह के बावजूद, AI/ML पर होने वाला वास्तविक खर्च अभी भी बहुत कम है।
हालाँकि 76% बिज़नेस लीडर मानते हैं कि GenAI उनके काम पर बड़ा प्रभाव डालेगा और 63% इसे अच्छी तरह इस्तेमाल करने के लिए तैयार महसूस करते हैं, फिर भी 95% से अधिक कंपनियाँ अपने IT बजट का 20% से कम हिस्सा AI पर खर्च करती हैं। केवल 4% कंपनियाँ ऐसी हैं जो 20% से ज्यादा बजट AI के लिए रखती हैं।
रिपोर्ट कहती है कि कंपनियों के भरोसे और उनके निवेश के बीच “स्पष्ट असंतुलन” है, जो AI से वास्तविक लाभ मिलने की गति को धीमा कर रहा है।
यह सर्वे ऐसे समय में आया है जब कई कंपनियाँ इस बात से चिंतित हैं कि AI निवेश से उम्मीद के अनुसार फायदे नहीं मिल रहे।
Microsoft, Google और Amazon जैसी कंपनियाँ लगातार नए AI टूल लॉन्च कर रही हैं, जो अकाउंटिंग से लेकर कस्टमर सर्विस तक कई कामों को ऑटोमेट करने का दावा करते हैं। लेकिन कई शोध दिखाते हैं कि कंपनियों को अभी भी AI को सही ढंग से अपनाने में दिक़्कत होती है और उत्पादकता बढ़ाने में सीमित सफलता मिलती है।
IDC के अनुसार, इस साल व्यवसायों द्वारा जेनरेटिव AI पर खर्च लगभग 94% बढ़कर $61.9 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है।
लेकिन S&P Global के सर्वे से पता चलता है कि 2024 के अंत तक 42% कंपनियाँ अपने अधिकांश AI पायलट प्रोजेक्ट्स को छोड़ चुकी थीं, जबकि पिछले साल यह संख्या सिर्फ 17% थी।
