The GD News

पद्मा और भारत रत्न उपाधि नहीं, नाम के आगे लगाना गैरकानूनी: मुंबई हाईकोर्ट का अहम फैसला


मुंबई: देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल पद्मा पुरस्कार और भारत रत्न को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण और स्पष्ट फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि ये सम्मान कोई उपाधि (Title) नहीं हैं, इसलिए इन्हें किसी व्यक्ति के नाम के आगे या पीछे जोड़कर इस्तेमाल करना कानून के विरुद्ध है।

अदालत ने साफ किया कि पद्मा विभूषण, पद्मा भूषण, पद्मा श्री और भारत रत्न जैसे पुरस्कार सरकार द्वारा नागरिकों को उनके असाधारण योगदान के लिए दिए जाते हैं, लेकिन इनका उपयोग नाम के हिस्से के रूप में नहीं किया जा सकता। ऐसा करना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे समाज में भ्रम की स्थिति भी पैदा होती है।


क्या कहा हाईकोर्ट ने?

मुंबई हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले ये सम्मान सम्मानसूचक पुरस्कार हैं, न कि किसी प्रकार की शासकीय या सामाजिक उपाधि। अदालत ने यह भी याद दिलाया कि सरकारी दिशानिर्देशों में पहले से ही यह स्पष्ट है कि इन पुरस्कारों को नाम के साथ जोड़कर नहीं लिखा जाना चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने नाम के आगे “पद्मा” या “भारत रत्न” जैसे शब्दों का उपयोग करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और इस पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।


क्यों आया यह मामला कोर्ट में?

यह मामला तब सामने आया जब कुछ लोगों द्वारा अपने नाम के आगे या सार्वजनिक दस्तावेज़ों, बोर्डों और प्रचार सामग्री में पद्मा या भारत रत्न लिखे जाने की शिकायतें दर्ज की गईं। इस पर याचिका दाखिल की गई, जिसमें मांग की गई कि ऐसे उपयोग को रोका जाए।

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पुरस्कारों का उद्देश्य सम्मान देना है, न कि नाम बदलना। यदि इन्हें नाम के साथ जोड़ने की अनुमति दी गई, तो इससे पुरस्कारों की गरिमा और उद्देश्य दोनों पर असर पड़ेगा।


पहले से मौजूद हैं स्पष्ट नियम

अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार:

  • पद्मा या भारत रत्न को नाम का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता
  • इन्हें सिर्फ सम्मान के रूप में, जैसे परिचय या विवरण में उल्लेख किया जा सकता है
  • आधिकारिक दस्तावेज़ों, विजिटिंग कार्ड, लेटरहेड या बोर्ड पर नाम के आगे लिखना गलत है

फैसले का क्या होगा असर?

इस फैसले के बाद अब:

  • पद्मा या भारत रत्न पाने वाले लोग नाम के आगे यह शब्द नहीं जोड़ सकेंगे
  • सरकारी और सार्वजनिक संस्थानों को ऐसे मामलों पर सख्ती से रोक लगानी होगी
  • नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जा सकती है

कानूनी जानकारों का मानना है कि यह फैसला राष्ट्रीय सम्मानों की गरिमा बनाए रखने की दिशा में बेहद अहम है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top