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मकर संक्रांति से पहले हाईकोर्ट ने कसी नायलॉन मांजा पर शिकंजा, भारी जुर्माने का प्रस्ताव

मकर संक्रांति का त्योहार करीब आता है तो पतंगबाजी का उत्साह भी बढ़ता है, लेकिन इसके साथ ही नायलॉन मांजा (नायलॉन के धागे) के कारण होने वाले हादसे भी हर साल बढ़ रहे हैं। इन घातक तंतुओं से इंसानों, पक्षियों और जानवरों को गंभीर चोटें और यहां तक कि मौत तक हो चुकी है, जिससे अब न्यायालय ने इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन को सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है।

नागपुर उच्च न्यायालय के हाईकोर्ट नागपुर खंडपीठ ने नायलॉन मांजा के उपयोग, बिक्री और वितरण को गंभीर रूप से लिया है। अदालत ने जनहित याचिका (SMPIL no-1/2021) पर सुनवाई करते हुए यह प्रस्ताव रखा है कि अगर कोई यह नायलॉन मांजा उपयोग करता पाया जाता है, तो उसे ₹50,000 का दंड देना चाहिए। इसी तरह, अगर कोई इसके द्वारा पतंग उड़ाने वाले अल्पवयीन बच्चों का अभिभावक है तो भी उन्हें ₹50,000 का जुर्माना देना होगा।


बिक्री पर भी भारी दंड का प्रस्ताव

सिर्फ उपयोग ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति नायलॉन मांजा बेचता या उसके पास रखता पाया गया, तो उसके लिए अदालत ने ₹2,50,000 (2.5 लाख रुपए) तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव अगले 5 जनवरी 2026 को सुनवाई में अंतिम रूप दिया जाएगा। अदालत ने नागरिकों को भी कहा है कि अगर इस प्रस्ताव पर कोई आपत्ति या सुझाव है, तो वे सुनवाई के दिन खुद उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकते हैं

राज्य के गृह विभाग ने भी इस मामले में सभी जिल्हाधिकारी कार्यालयों को पत्र भेजा है और उनसे कहा है कि वे जनता से इस प्रस्ताव पर सुझाव व आपत्तियाँ आमंत्रित करें, ताकि संक्रांति से पहले ही कानून-व्यवस्था और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।


क्यों है इतनी चिंता?

नायलॉन मांजा पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला एक सिंथेटिक धागा है, जो सामान्य मांजे की तुलना में बहुत धारदार और स्थायी होता है। यह आसानी से टूटता नहीं है और जहरीली रसायन से बनाया जाता है। पतंगबाजी के दौरान इसका इस्तेमाल इंसान, पक्षी और जानवरों के लिए बहुत बड़ा खतरा बन जाता है और कई जगहों पर इसकी वजह से गंभीर जख्म या मौत की घटनाएँ दर्ज हुई हैं।


क्या होगा आगे?

अब उच्च न्यायालय की इस सख्त प्रस्तावित पॉलिसी पर जनता और प्रशासन दोनों की प्रतिक्रिया सुनी जाएगी। अगर सुनवाई के दौरान किसी को इस दंड प्रस्ताव पर आपत्ति नहीं होती, तो यह नया दंड ढांचा पक्के नियम के रूप में लागू कर दिया जाएगा, जिससे संक्रांति पर पतंगबाजी से पहले ही नायलॉन मांजा को रोकने में मदद मिलेगी।

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