महाराष्ट्र में आगामी महापालिका चुनावों की घोषणा के साथ ही राज्य भर में आचारसंहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में जनता को सीधा लाभ देने वाले बयान या घोषणाओं पर रोक है, लेकिन प्रशासनिक और ऐतिहासिक फैसलों पर आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें चार प्रमुख निर्णय लिए गए।
सबसे बड़ा फैसला यह है कि महाराष्ट्र नगरपरिषद, नगरपंचायती और औद्योगिक नगरी अधिनियम, 1965 में संशोधन किया जाएगा। इसके तहत नगरपरिषद और नगरपंचायती के प्रत्यक्ष निर्वाचित अध्यक्षों को अब सदस्यता और मतदान का अधिकार मिलेगा। इस संशोधन को लागू करने के लिए आवश्यक अध्यादेश भी लाया जाएगा।
मंत्रिमंडल के चार मुख्य फैसले
- जिला प्रशासन सशक्त बनाने के लिए ‘जिल्हा कर्मयोगी 2.0’ और सरपंच संवाद कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- जिल्हा परिषद के आरोग्य विभाग में बंधपत्रित स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति और सेवानिवृत्त सेविकाओं की नियुक्तियां नियमित रूप से की जाएंगी।
- धाराशिव शहर में साहित्य सम्राट और लोकशाहीर अण्णाभाऊ साठे की स्मृति में एक एकड़ जमीन जारी कर उनके पुतले/स्मारक का निर्माण किया जाएगा।
- नगरपरिषद अधिनियम में संशोधन कर थेट निर्वाचित अध्यक्षों को सदस्यता और मत का अधिकार देने का निर्णय लिया गया है।
पृष्ठभूमि और अहमियत
ये निर्णय ऐसे समय में लिए गए हैं जब राज्य में महापालिका चुनावों की प्रक्रिया तेज़ है और सभी प्रशासनिक इकाइयां इस दिशा में काम कर रही हैं। हालांकि चुनाव आचारसंहिता के चलते प्रत्यक्ष लाभ से जुड़ी घोषणाओं पर रोक है, फडणवीस सरकार ने इन नीतिगत और संरचनात्मक परिवर्तनों को प्राथमिकता दी है।