The GD News

“नेहरू और इंदिरा ने भी की थी वोट चोरी”: संसद में अमित शाह बनाम राहुल गांधी की जुबानी जंग तेज

जब राहुल गांधी ने मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं पर अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस को लेकर बहस की चुनौती दी, तभी सदन में उनके और गृह मंत्री अमित शाह के बीच टकराव तेज़ होने लगा।

नई दिल्ली:
लोकसभा में चुनावी सुधारों पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला। जैसे ही राहुल गांधी ने मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों पर अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस को लेकर खुली बहस की चुनौती दी, अमित शाह ने तुरंत पलटवार किया और साफ कहा कि कोई उन्हें यह नहीं बताएगा कि वे किस क्रम में क्या बोलें।

अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि वे खुद ही मतदाता सूची में कमियां बताते हैं और जब सरकार उन्हें ठीक करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) करती है, तो उसी पर आपत्ति जताते हैं।
शाह ने कहा, “जब जीतते हो तो मतदाता सूची बिल्कुल सही लगती है, नए कपड़े पहनकर शपथ लेते हो। मगर जब हार जाते हो, जैसे बिहार में हुआ, तो कहते हो सूची गलत है। ये दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे।”

राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ़्रेंस पर तंज कसते हुए शाह ने कहा कि राहुल ‘वोट चोरी’ की बात करते हैं, जबकि “कुछ परिवार पीढ़ियों से वोट चोर रहे हैं”—यह इशारा साफ़ तौर पर नेहरू-गांधी परिवार की ओर था।

इस पर राहुल गांधी ने बीच में टोकते हुए पूछा कि सरकार ने चुनाव आयुक्तों को कार्यकाल के दौरान क्यों प्रतिरक्षा (immunity) दे दी है। उन्होंने कहा कि शाह कुछ चुनिंदा बातों को तो उठा रहे हैं, पर असली सवालों से बच रहे हैं। राहुल ने खुलेआम चुनौती दी:
“अमित शाह जी, आइए मेरी तीनों प्रेस कॉन्फ़्रेंस पर बहस कर लेते हैं।”

शाह ने सख्त लहजे में जवाब दिया,
“संसद आपकी मर्ज़ी से नहीं चलेगी। मैं 30 साल से विधायक और सांसद हूं। क्या बोलना है और किस क्रम में बोलना है, यह मैं तय करूंगा।”

राहुल ने इसे “रक्षात्मक और डर पर आधारित जवाब” बताया।

शाह का गांधी-नेहरू परिवार पर सीधा हमला

शाह ने कहा कि देश की पहली “वोट चोरी” तब हुई जब स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री का चयन हो रहा था। कांग्रेस प्रांतीय इकाइयों के 30 में से 28 वोट सardar पटेल को मिले थे और सिर्फ दो वोट नेहरू को, लेकिन प्रधानमंत्री नेहरू बने।

शाह यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि रायबरेली से इंदिरा गांधी की जीत को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद्द किया था।
“ये भी बड़ी वोट चोरी थी,” उन्होंने कहा। “और इसे छिपाने के लिए उन्हें खुद को सुरक्षा देने वाला कानून लाना पड़ा—जैसे अब आप चुनाव आयुक्तों की बात कर रहे हैं।”

उन्होंने सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा, आरोप लगाते हुए कि “एक केस में दावा है कि उन्होंने भारतीय नागरिक बनने से पहले वोट किया था।”

कांग्रेस सांसदों ने इस आरोप पर तीखी आपत्ति जताई।

EVM और SIR पर भी भिड़ंत — और फिर विपक्ष का वॉकआउट

शाह ने कहा कि विपक्ष का SIR का विरोध करने का असली मकसद “अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची में बनाए रखना” है।

इस पर नाराज़ विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया।

सदन के बाहर राहुल गांधी ने कहा,
“गृह मंत्री ने हमारे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया — न पारदर्शी मतदाता सूची पर, न EVM की सिस्टम आर्किटेक्चर पर, न उस ठोस सबूत पर जिसे मैंने अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पेश किया था।”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top