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संसद ने पास किया सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 2025, तंबाकू पर बढ़े टैक्स का रास्ता साफ — विपक्ष ने जताई आपत्ति

संसद ने गुरुवार, 4 दिसंबर को सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 2025 को मंजूरी दे दी। बिल को दोनों सदनों से पास होने के बाद राज्यसभा ने औपचारिक प्रक्रिया के तहत इसे लोकसभा को वापस भेज दिया है। यह कानून बनने के बाद सरकार को जीएसटी मुआवजा सेस खत्म होने पर तंबाकू और इससे जुड़े उत्पादों पर ज्यादा एक्साइज ड्यूटी लगाने का अधिकार मिल जाएगा।

क्या है बिल में प्रस्ताव?

  • बिना प्रसंस्कृत तंबाकू पर 60-70% एक्साइज ड्यूटी।
  • सिगार और चुरुट पर 25% या ₹5,000 प्रति 1,000 स्टिक।
  • सिगरेट पर लंबाई और फिल्टर के आधार पर ₹2,700 से ₹11,000 प्रति 1,000 स्टिक।
  • चेविंग तंबाकू पर ₹100 प्रति किलो टैक्स।

फिलहाल तंबाकू उत्पादों पर 28% जीएसटी के साथ अलग-अलग दरों पर सेस लगाया जाता है। नए संशोधन के लागू होने के बाद केंद्र सरकार तंबाकू पर अलग से अधिक एक्साइज लगा सकेगी।

विपक्ष ने क्या कहा?
विपक्षी दलों ने बिल की मंशा पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने X पर लिखा कि बिल का “असल उद्देश्य स्वास्थ्य संरक्षण नहीं बल्कि राजस्व बढ़ाना” है।
कांग्रेस सांसद जेबी माथर ने इसे जीएसटी व्यवस्था की खराब कार्यप्रणाली का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह सिर्फ “नाममात्र की सुरक्षा” देता है और लोगों के स्वास्थ्य पर इसका कोई ठोस प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सरकार का पक्ष
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आश्वस्त किया कि जीएसटी ढांचे में तंबाकू उत्पाद अभी भी 40% की डिमेरिट कैटेगरी के टैक्स के दायरे में रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के किसानों को तंबाकू छोड़कर अन्य नकदी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
“इन राज्यों में एक लाख एकड़ से ज्यादा जमीन तंबाकू से हटकर दूसरी फसलों की ओर जा रही है,” उन्होंने बताया।

कुल मिलाकर, बिल के पारित होने से सरकार को तंबाकू उत्पादों पर भारी टैक्स लगाने का रास्ता मिल गया है, जबकि विपक्ष इसे राजस्व उगाही का कदम बता रहा है।

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