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विंटर सेशन में मंत्रियों की गैरहाज़िरी का मुद्दा गरमाया, भास्कर जाधव के हमले के बाद BJP विधायकों ने भी जताई नाराज़गी

विंटर सेशन: अतिवृष्टि संकट पर चर्चा के दौरान मंत्री नदारद, भास्कर जाधव का सरकार पर तीखा हमला; BJP विधायकों ने भी जताई नाराज़गी

राज्य में अतिवृष्टि से किसानों की हुई भारी तबाही के बीच सोमवार (11 दिसंबर) को विधान भवन में इस मुद्दे पर चर्चा आयोजित की गई। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि इस गंभीर चर्चा में संबंधित मंत्री ही अनुपस्थित रहे। इस पर शिवसेना (ठाकरे गुट) के नेता भास्कर जाधव ने सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने लगातार दूसरे दिन अपनी नाराज़गी दर्ज कराई।

मंत्रियों की अनुपस्थिति केवल विपक्ष को ही नहीं, बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायकों को भी अखर गई और उन्होंने भी अपनी असंतुष्टि जताई।

भास्कर जाधव ने महायुती सरकार पर किसानों की मदद को लेकर सवाल उठाते हुए कहा,
“क्या आपने NDRF के मानक बढ़ाए हैं? कपास, संतरा और प्याज जैसी फसलों का बुरा हाल हो चुका है। कोकण में भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। बिहार में जब किसी ने मदद नहीं मांगी, तो यहाँ प्रस्ताव क्यों मांगे जाते हैं?”


केंद्रीय पथक पर भी सवाल

जाधव ने नुकसान का आकलन करने आए केंद्रीय पथक (Central Team) पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा:
“केंद्रीय टीम आखिर कब आई थी—दिन में या रात में? क्या उन्होंने दिन में मौके का निरीक्षण किया?”

पुरवणी मागणी (Supplementary Demands) पर भी उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा:
“75,000 करोड़ की पूरक मांगें लाई गई हैं, इसका मतलब राज्य सरकार का बजट चरमराया हुआ है। ऐसे में किसानों की मदद के लिए क्या किया जाएगा?”

भास्कर जाधव ने टिप्पणी की कि राज्य की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ रही है और यह तथ्य अब बार-बार साबित हो रहा है।

ऐसे फर्जी पैकेज फिर मत दीजिए” — भास्कर जाधव का सरकार पर प्रहार

भास्कर जाधव ने सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज को किसानों के साथ “धोखा” बताते हुए कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार तीन–चार मदों के तहत कुछ राशि देकर उसे बड़ा पैकेज घोषित करती है, जबकि वास्तव में यह किसानों को छलने वाला कदम है।

जाधव ने मांग की कि “ऐसे भ्रामक पैकेज फिर मत दीजिए। अगर आप 32,000 करोड़ रुपये का पैकेज दे रहे हैं, तो उसकी पूरी जानकारी सदन में स्पष्ट रूप से रखें।”

उन्होंने सवाल उठाया कि किसान आखिर कैसे दोबारा खड़ा होगा?
“पुरानी व्यवसाय व्यवस्था कैसे चलेगी? महंगाई बढ़ रही है, फसलों के दाम गिर गए हैं, और बाढ़ से किसान पूरी तरह बर्बाद हो चुका है—तो मदद उसे कैसे और कब मिलेगी?”

जाधव ने कहा कि सरकार की घोषणाओं से स्पष्ट हो गया है कि ये पैकेज केवल दिखावे के होते हैं और सदन में ही उनकी सच्चाई सामने आ जाती है।

उन्होंने आगे कहा कि अतिवृष्टि के कारण नदियों ने बड़े पैमाने पर जमीन को काटकर बहा दिया है। कई किसानों की भूमि पूरी तरह नष्ट हो गई है।
“ऐसी स्थिति में एक सीज़न की मदद से काम नहीं चलेगा। सभी के अनुभव और परिस्थितियों को देखकर ठोस, दीर्घकालीन उपाय करने की आवश्यकता है।”

जाधव ने यह भी स्पष्ट किया कि यह चर्चा केवल भाषणों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि वास्तविक समाधान पर आधारित होनी चाहिए।


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