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लोकसभा में स्वास्थ्य व राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक का जोरदार बचाव — “रक्षा और स्वास्थ्य के लिए स्थिर राजस्व जरूरी”: निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार, 5 दिसंबर को लोकसभा में स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 का प्रबल बचाव किया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह उपकर केवल तंबाकू, पान मसाला जैसे डिमेरिट उत्पादों पर ही लागू होगा और इसे किसी अन्य श्रेणी तक नहीं बढ़ाया जाएगा।

चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार को ऐसे स्रोतों से होने वाली आय की जरूरत है जिन्हें रक्षा, स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए भरोसेमंद तरीके से उपयोग किया जा सके।

उन्होंने कहा,
“मुझे रक्षा के लिए धन उपलब्ध कराना है। राजस्व जुटाना और राष्ट्र को सक्षम रखना हर सरकार की जिम्मेदारी है।”

धन का उपयोग केवल स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए

वित्त मंत्री ने दोहराया कि इस उपकर से प्राप्त सभी राशि को केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ही उपयोग किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सेना की तैयारी और क्षमता को मजबूत करने में काफी समय लगा है और इस क्षेत्र के लिए निरंतर संसाधन प्रवाह जरूरी है।

कर संबंधी अधिकार संसद के पास ही सुरक्षित

सीतारमण ने कहा कि कर लगाने की संसद की संवैधानिक शक्ति पूरी तरह बरकरार है।
उन्होंने कहा,
“कोई भी अधिसूचना संसद में रखी जाती है। संसद के अधिकार क्षेत्र से बाहर कुछ नहीं जाता।”
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उन फैसलों का भी उल्लेख किया जो संसद की कर लगाने की शक्ति को मान्यता देते हैं।

तंबाकू क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कर चोरी — 40% GST भी पर्याप्त नहीं

तकनीकी पहलुओं पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि तंबाकू उद्योग अत्यंत कर-चोरी प्रवृत्ति का है, इसलिए 40% GST दर भी पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्पादन क्षमता आधारित कराधान कोई नया तरीका नहीं है:
“वास्तविक उत्पादन पर कर लगाना मुश्किल था; मशीन-आधारित ड्यूटी नई नहीं है।”

पान मसाला उद्योग के नए-नए उत्पादों पर भी नजर

पान मसाला पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह उद्योग लगातार नए वैरिएंट लाता रहता है, इसलिए सरकार को लचीलेपन की जरूरत है ताकि बिना हर बार संसद की अनुमति लिए नए उत्पादों को भी कर दायरे में लाया जा सके।

फिलहाल पान मसाला पर प्रभावी कर भार 88% है। लेकिन GST मुआवजा उपकर समाप्त होने और GST दर 40% पर सीमित हो जाने के बाद कर घटने की आशंका है।
इस पर उन्होंने कहा —
“हम न तो इसे सस्ता होने दे सकते हैं और न ही राजस्व गंवा सकते हैं।”

GST की मूल संरचना पर कोई चोट नहीं

सीतारमण ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस उपकर से GST की संरचना या GST परिषद के अधिकारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा,
“GST का क्षेत्र पूरी तरह GST परिषद का है। उसमें हस्तक्षेप की कोई मंशा नहीं है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि तंबाकू विज्ञापनों पर कोई नया उपकर नहीं लगाया जा रहा है।

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