“सिर में गंभीर चोटों के अलावा, एंजेल चकमा के हाथों और पैरों पर कई गहरे कट लगे हैं तथा रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुँचा है।”
गुवाहाटी/नई दिल्ली:
त्रिपुरा के 24 वर्षीय छात्र एंजेल चकमा की मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया है कि उन पर हुए हमले के दौरान उनके दिमाग में गंभीर रक्तस्राव हुआ और रीढ़ की हड्डी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई। इसके साथ ही उनके हाथों व पैरों पर भी कई गहरे घाव मिले। हमले के बाद वे 14 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे और फिर उनकी मौत हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार, छह युवकों ने नस्लीय टिप्पणी करते हुए एंजेल पर चाकू से वार किया और ब्रास नकल्स से मुक्के मारे। हमले के दौरान उनका भाई माइकल भी साथ था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीड़ित के पिता तरुण प्रसाद चकमा (BSF कर्मी) से बात कर शोक जताया और सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी सूरज खवास (22), जो मणिपुर का निवासी है और देहरादून में रहता था, सहित पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक आरोपी के नेपाल भागने की आशंका है, जिसकी तलाश जारी है और सूचना देने वालों के लिए इनाम भी घोषित हुआ है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना को “भयावह हेट क्राइम” बताया और आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियों ने नफरत को सामान्य बना दिया है।
दिल्ली में Tipra Indigenous Students’ Federation के बैनर तले हजारों छात्रों ने कैंडल मार्च निकालकर एंजेल चकमा के लिए न्याय की मांग की।
