The GD News

ट्रम्प ने शुरू किया ‘जेनेसिस मिशन’, AI के लिए बताया ‘मैनहैटन प्रोजेक्ट’ जैसी सबसे बड़ी मुहिम

व्हाइट हाउस ने लॉन्च किया ‘जेनेसिस मिशन’: अमेरिका का AI में बढ़त बनाए रखने के लिए मैनहैटन प्रोजेक्ट जैसा बड़ा कदम

अमेरिका ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय पहल की घोषणा की है। सोमवार को व्हाइट हाउस ने “जेनेसिस मिशन” नामक एक बड़े राष्ट्रीय AI कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर के तहत मंजूरी दी है। इसे सीधे तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के प्रसिद्ध मैनहैटन प्रोजेक्ट जैसी कोशिश बताया जा रहा है — एक ऐसा प्रयास जिसने अमेरिका को वैश्विक वैज्ञानिक शक्ति के रूप में स्थापित किया था।

इस मिशन की जिम्मेदारी ऊर्जा विभाग (Department of Energy – DOE) को दी गई है, जिसके पास देश की सबसे शक्तिशाली सुपरकंप्यूटिंग सुविधाएँ, राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ और व्यापक वैज्ञानिक डेटा भंडार मौजूद हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन सभी संसाधनों को एकीकृत कर एक ऐसा राष्ट्रीय AI प्लेटफ़ॉर्म तैयार किया जाए जो वैज्ञानिक खोजों की गति कई गुना बढ़ा दे, राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करे और अमेरिका को वैश्विक AI प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाए रखे।

नीति विशेषज्ञों के अनुसार, वॉशिंगटन अब AI को भविष्य की भू-राजनीति और प्रौद्योगिकी नेतृत्व की कुंजी मान रहा है। रक्षा, ऊर्जा, उन्नत विनिर्माण और आने वाले उद्योगों में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए यह लड़ाई निर्णायक होगी।

सरकार के मुताबिक, ‘जेनेसिस मिशन’ के तहत देश के हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटर्स, सुरक्षित क्लाउड AI सिस्टम, रोबोटिक और स्वचालित प्रयोगशालाएँ और दशकों से संचित वैज्ञानिक डेटा को एक ही सुरक्षित AI-संचालित प्लेटफ़ॉर्म पर जोड़ा जाएगा। यह प्लेटफ़ॉर्म केवल डेटा विश्लेषण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्रयोग चलाएगा, नए वैज्ञानिक मॉडल तैयार करेगा, ऊर्जा और सामग्री प्रणालियों का सिमुलेशन करेगा, नई तकनीकें डिज़ाइन करेगा और विभिन्न क्षेत्रों — जैसे फ्यूज़न ऊर्जा, बायोटेक, सेमीकंडक्टर्स, क्वांटम विज्ञान और क्रिटिकल मटेरियल्स — में अनुसंधान प्रक्रियाओं को स्वचालित भी करेगा।

एक्ज़ीक्यूटिव ऑर्डर में मिशन के लिए सख्त समय-सीमा भी निर्धारित की गई है। ऊर्जा विभाग को 60 दिनों में कम से कम 20 ऐसे राष्ट्रीय वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों की सूची तैयार करनी होगी जहां AI से बड़े स्तर पर प्रगति संभव हो। 90 दिनों के भीतर उसे उन कंप्यूटिंग, स्टोरेज और नेटवर्क संसाधनों का विस्तृत मानचित्र प्रस्तुत करना है जिन्हें प्लेटफ़ॉर्म जोड़ सके। और 270 दिनों के भीतर सरकार को एक काम करता हुआ डेमोंस्ट्रेशन चाहिए, जो साबित करे कि AI, पारंपरिक तरीकों से कहीं तेज़ और बेहतर वैज्ञानिक परिणाम दे सकता है।

संवेदनशील शोध को सुरक्षित रखने के लिए इस मिशन में कड़े सुरक्षा मानक लागू होंगे। केवल मंज़ूरशुदा राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ, विश्वविद्यालय और चुनिंदा निजी कंपनियाँ ही इस प्लेटफ़ॉर्म तक पहुँच पाएँगी, और सभी को एक समान साइबर सुरक्षा, गोपनीयता और निर्यात-नियंत्रण नियमों का पालन करना होगा।

व्हाइट हाउस का कहना है कि ‘जेनेसिस मिशन’ देश की वैज्ञानिक ढाँचा व्यवस्था को एक बड़े परिवर्तन की ओर ले जा रहा है — जहाँ पूरी अनुसंधान प्रणाली को AI-केंद्रित बनाया जाएगा। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक AI प्रतिस्पर्धा के लिए कितनी गंभीरता से तैयारी कर रहा है और भविष्य की वैज्ञानिक खोजों को दशकों की बजाय कुछ वर्षों में समेटने का लक्ष्य रखता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top