चार नए लेबर कोड लागू होने के बाद टेक-होम सैलरी को लेकर उठे सवाल; श्रम मंत्रालय ने दिया बड़ा स्पष्टीकरण
देश में 21 नवंबर से चार नए लेबर कोड लागू किए गए हैं। इन कानूनों के लागू होने के बाद नौकरीपेशा लोगों के कई नियमों में बदलाव आया है। इसी कारण लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल था—टेक-होम सैलरी बढ़ेगी या कम होगी? इसी पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी किया है।
टेक-होम सैलरी कम नहीं होगी: श्रम मंत्रालय का दावा
श्रम मंत्रालय के अनुसार, नए लेबर कोड लागू होने के बावजूद कर्मचारियों की टेक-होम सैलरी में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि यदि भविष्य निधि (PF) कटौती की वैधानिक सीमा ₹15,000 ही रखी जाती है, तो कर्मचारी के हाथ में आने वाली सैलरी में कमी नहीं होगी।
मंत्रालय ने अपनी आधिकारिक पोस्ट में स्पष्ट किया कि भले ही वेतन संरचना बदले, टेक-होम पगार पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
उदाहरण देकर समझाया गया बदलाव
मंत्रालय ने इसे एक उदाहरण से समझाया:
यदि किसी कर्मचारी का कुल वेतन ₹60,000 है, जिसमें
- ₹20,000 मूल वेतन
- ₹40,000 विशेष भत्ते शामिल हैं,
तो नए नियमों के अनुसार कुल वेतन का 50% हिस्सा मूल वेतन माना जाएगा। इस तरह उसका मूल वेतन अब ₹30,000 माना जाएगा।
लेकिन PF कटौती केवल ₹15,000 के मूल वेतन पर ही लागू होने के कारण कर्मचारी और कंपनी दोनों की ओर से ₹1,800–₹1,800 की ही कटौती होगी।
मंत्रालय के मुताबिक ₹60,000 वेतन वाले कर्मचारी की टेक-होम सैलरी लगभग ₹56,400 होगी।
अगर कर्मचारी चाहे, तो वह ₹15,000 से अधिक पर भी स्वेच्छा से PF योगदान कर सकता है।
श्रम मंत्रालय ने यह भी कहा कि नए कोड को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही कई आशंकाएँ और दावे गलत साबित हुए हैं।
कौन-कौन से लेबर कोड लागू हुए?
देशभर में 29 पुराने श्रम कानूनों में सुधार करते हुए सरकार ने इन चार कोड्स को लागू किया है:
- द कोड ऑन वेजेस, 2019
- द इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड, 2020
- द कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2020
- द ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडिशन्स कोड, 2020
21 नवंबर को केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने इन नई संहिताओं के लागू होने की घोषणा की थी।
इन कानूनों के आने के बाद यह आशंका बढ़ गई थी कि PF योगदान बढ़ने से टेक-होम सैलरी कम हो जाएगी, लेकिन अब मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों को इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।